Ticker

6/recent/ticker-posts

जानें कैसा होता है यांत्रिक अभियंता का जीवन



यांत्रिक अभियंता का जीवन सिर्फ संघर्षों से घिरा रहता है जिसका पीड़ा वो अपने अंदर छुपा कर रखता है।



Written By Zishan Ali.


हरियाली पलायन का दर्द झेल रहा है। गांव-कस्बों के युवा छोटे-मोटे रोजगार के लिये महानगरों का रुख कर रहे हैं। रोजगार की योजनायें बनती हैं, लेकिन सिर्फ कागजों में या फिर अधिकारी-कर्मचारियों की बयान से। 


माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा समाप्त होते छात्रों एवं अभिभावकों के मन मे भैविष्य का चिंता सताने लगता है।कुछ अभिभावक अपने बच्चे को उच्च शिक्षा देते हैं तो कुछ अभिभावक अपने बच्चे को सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं,और यही होना भी चाहिए क्योंकि भाविष्य के लिये मेहनत के साथ प्लानिंग भी जरूरी है।


आज कल के मौजूदा दौर में छात्र काफी हद तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अपना भविष्य के तौर पर चुनते है।और होना भी चाहिए क्योंकि ये एक बेहतर विकल्प भी है अपना करियर बनाने का।

यूं तो इंजिनीरिंग क्षेत्र में कई विकल्प है लेकिन आज हम बात करेंगे यांत्रिक अभियांत्रिकी का।


यूं तो यांत्रिक अभियांत्रिकी इंजिनीरिंग का कोर ब्रांच है लेकिन आज के मौजूदा दौर में कही न कही इसका अस्तित्व दबता जा रहा है।

हालांकि यांत्रिक अभियांत्रिकी का सर्टिफिकेट लेने वाले छात्र को कितना पीड़ा झेलना पड़ता है श्याद कोई यांत्रिक अभियंता ही आपको बता सकता है।


आइये पहले जानते है कि क्या है यांत्रिक अभियांत्रिकी?


यदि आपको भी बचपन से ही मशीन एवं मशीन से जुडी छोटी-छोटी जानकारियां रोमांचित करती है और आप भी घर में बैठे खाली वक़्त में अपने पुराने मशीन को खोल उसके पार्ट-पुर्जों में खोएं रहते हैं तो मेरा यकीन  कीजिये मैकेनिकल इंजीनियरिंग खास आपके लिए ही बनी है क्योंकि यहां आपको हर रोज़ एक नई चुनौती का सामना करना पड़ता है।यहां एक कील से लेकर JCB के बॉडी एवं इंजन बनाने का भी जानकारी आपको मिलता है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत विद्यार्थी मशीनों की बनावट निर्माण आदि के बारे में अध्ययन करता है। 

Students At Time Of Admission in Engg.College(File Photo)

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत विद्यार्थी मशीनों के बारे में पूरी जानकारी पा लेता है।अगर बात करे कि मेकेनिकल इंजिनीरिंग कब से अस्तित्व में है तो आपको बतादे की मैकेनिकल इंजीनियरिंग दुनिया की सबसे पुरानी इंजीनियरिंग ब्रांच है। क्योंकि यांत्रिक उपकरणों का अविष्कार सबसे पहले होना शुरू हो गया था इसके लिए किसी तरह की बिजली या किसी अन्य वस्तुएं की जरुरत नहीं पड़ती थी।



किन क्षेत्रों में बट गया यांत्रिक अभियांत्रिकी।


एयरोस्पेस इंजीनियर।


मोटर वाहन इंजीनियर।


नियंत्रण और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर।


यांत्रिक इंजीनियर।


परमाणु इंजीनियर।


यांत्रिक अभियांत्रिकी छत्रों की जिंदगी।


अगर बात करे कि यांत्रिक अभियांत्रिकी की छात्रों की कहानी तो हर पल नाइ equation सीखने होड़ लगी रहती है साथ ही  हर पल धातुओं , ड्राइंग सीखने की होड़ लगी रहती है। कॉलेज से लेकर होस्टल या घर तक सिर्फ दिमाग मे equation चलता रहता,समय बीतता चला जाता है मानसिक दबाव बढ़ता जाता है ,फिर प्रोजेक्ट्स मिड एग्जाम वगैरा , हर समय गणित के अंकों में खोया रहने वाला ही यांत्रिक अभियांत्रिकी की परीक्षा सफलता पूर्वक निकाल पाता है ,कई बार देखने को मिला है की यांत्रिक अभियांत्रिकी के छात्र कहीं न कहीं गणित के अंकों में गुम हो जाते है एवं अपने मित्रों एवं सहपाठियों से अलग थलग हो जाते हैं।

Life Under Pressure Always.

हमेसा से संघर्षों के बीच एक यांत्रिक अभियन्ता का जिंदगी चलता है और काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।

कम आए में अपनी जिंदगी गुजार बसर करना,जहां सारे अभियंता कोट पहन कर कार्यालय जाते है वहां ग्रीस से लतपत कपड़ो में ड्यूटी पर जाना, जहां लोग बड़ी और महंगी गाड़ियों में अपने ड्यूटी पर जाते है वहां एक यांत्रिक अभियंता या तो बस में ठोकर खाते हुए या फिर पुरानी मोटरसाइकिल से अपने ड्यूटी पर जाता है।यानी पढ़ने से लेकर नौकरी तक यांत्रिक अभियंता का जीवन सिर्फ संघर्षों से घिरा रहता है जिसका पीड़ा वो अपने अंदर छुपा कर रखता है।



Heartly Thanks To V.Govinda Rao and MVS Murthy Sir For Supporting Us On Each And Every Steps Of Our Education Duration And Treat Us Like Our Parents.




नोट :- यह ब्लॉग मेरे व्यक्तिगत अनुभव पर निर्धारित , इस लेखनी से किसी की भावना को ठेस पहुंचाना हमारा संदेश नही है।








Post a Comment

0 Comments