आरा/शहर के टाउन थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरुवार को नया वार्ड नंबर 5 में मनीष गुप्ता और रंजित रजक के बीच जमीनी विवाद छिड़ गया। मामला गली में रास्ता खोलने को लेकर था। जिसपर मनीष गुप्ता ने आपत्ति जताई है। वहीं रंजित रजक गली की ओर से रास्ता खोलना को सही बता रहे है और यह सरकारी रास्ता का हवाला दे रहे है। हालांकि यह सारा मामला अधिकारियों के पास पहुंच चुका है। वहीं शहर के अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता देखते हुए तत्काल काम पर रोक लगा दी है।
वहीं मनीष गुप्ता का कहना है कि यह जमीन मेरी मां धर्मशीला देवी ने 2010 में खरीदा था। जिसके बाद घर से निकलने के लिए 4 फीट का रास्ता छोड़ दिया था। जो कि जमीन के कागज पर लिखा हुआ है। लेकिन उसके बाद भी रंजित रजक मुझे एससीएसटी का केस में फसाने का डर दिखाकर इस रास्ते में अपना दरवाजा खोल रहा है। जो कि यह मेरा निजी रास्ता है। उन्होंने बताया कि मेरे मना करने के बाद भी और अधिकारियों के आदेश का अवहेलना करके वह काम शुरू रखा है। मेरे द्वारा भोजपुर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार यादव से भी मिलकर आवेदन दिया गया है और सारी बातों से अवगत भी कराया गया है। पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा भी आदेश दिया गया है कि तत्काल काम को रुका जाए।
वहीं रंजित रजक का कहना है कि धर्मशीला देवी द्वारा मेरी मां और मेरे पिता दोनों एस जबरदस्ती यह जमीन लिखवा लिया गया था। उस समय से अब तक मनीष गुप्ता और उनका परिवार दबंगई से यह रास्ता को अपना बता रहे है। जब मैं इस रास्ते से अपना दरवाजा खोल रहा हूं तो मुझे रास्ता निकलने से मना किया जा रहा है। हालांकि यह मामला सीओ और थाना दोनों के संज्ञान तक पहुंच गया है।
वहीं मनीष गुप्ता के द्वारा आरा के मेयर प्रतिनिधि प्रेम पंकज उर्फ ललन पर कई आरोप लगाए गए है। मनीष गुप्ता का कहना है कि जब रंजित रजक के काम पर रोक लगाने की बात आई है तो नगर निगम त्वरित करवाई नहीं कर रही है। बल्कि मेयर प्रतिनिधि के द्वारा ही यह सारा खेल खेला जा रहा है। रंजित रजक के भाई राजेश रजक के द्वारा सरकारी जमीन को कब्जा कर कपड़ा धोने का नाद बना दिया गया है। उसे तोड़ने का ऑर्डर है लेकिन निगम द्वारा अभी तक उसे तोड़ा भी नहीं गया है। आखिर मेयर प्रतिनिधि किस लोभ में ऐसा काम कर रहे है।
इस मामले पर आरा नगर निगम के महापौर इंदु देवी ने कहा कि मैं लोग का काम करने के लिए आई हूं और अपना काम कर रही हूं।कुछ लोगों के द्वारा मेरे प्रतिनिधि पर गलत आरोप लगाया जा रहा है तो मैं खुद जानता से ही पूछना चाहती हूं कि क्या किसी गरीब की मदद करना गुनाह है। अगर गरीब की मदद करना गुनाह है तो आप सभी ही इसकी जानकारी दें।
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